CAA क्या है ? और इसे लेकर इतना विवाद क्यों है...जानिए पूरी जानकारी
नमस्कार दोस्तों !
दोस्तों इनदोनों CAA को लेकर देश भर में काफी चर्चा हो रहा है। केंद्र सरकार द्वारा CAA ( नागरिकता संसोधन अधिनियम ) की अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह अधिसूचना 11 मई ( सोमबार ) को गृह मंत्रालय के द्वारा जारी की गई है। तो आइये जानते हैं CAA क्या है और इसे लेकर इतना बिबाद क्यों हो रहा है।
नागरिकता ( संसोधन ) अधिनियम 2019 . Citizenship (Amendment ) Act, 2019
Indian Citizenship Act 1955 का संसोधन करके नागरिकता (संसोधन ) अधिनियम, 2019 ( Citizenship (Amendment ) Act, 2019 ), भारत की संसद में पारित एक act है, जिसके तहत अगर कोई हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन , पारसी, या ईसाई, 31 Dec 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफ़ग़ानिस्तान से भारत में शरणार्थी के तौर पर आया हो उसे भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी।
इस विधेयक के तहत भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की समय सिमा को 11 बर्ष से घटाकर 5 बर्ष करदी गयी है। यानि की 31 Dec 2014 से पहले आये इन (पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश ) देशों की अल्पसंख्यक ( हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी, या ईसाई )लोगों को अब भारत की नागरिकता मिल जाएगी।
भारत में लोकसभा चुनाव आ रहा है और ऐसे में चुनाव से पहले मोदी सरकार ने CAA को लागु करदिया है। आप के जानकारी के लिए बतादें की नागरिकता संसोधन बिल 10 Dec 2019 को लोकसभा में और 11 Dec 2019 को राज्यसभा में पारित हो गया था।
- नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019 के तहत पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, और बांग्लादेश से 31 Dec 2014 से पहले, भारत आये हुए वहां के अल्पसंक्ष्यक लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।
- जो की हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, और इसाई सहित बिसिस्ट अल्पसंक्ष्यक समुदायों से सम्बंधित लोग हैं।
- ये लोग CAA के तहत भारत में अपनी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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