Ratan Tata Biography in Hindi. Height, Age, Education, House, Awards, Income... रतन टाटा की जीवनी शिक्षा, पुरस्कार, कमाई . . . !!!
रतन टाटा की जीवनी । Ratan Tata Biography in Hindi.
Former Chairman of TATA Group |
Full Name - Ratan Naval Tata
Date of Birth - 28 December 1937
Age - 83 Years (as in 2020)
Profession - Industrialist, Philanthropist, Investor
Height - 5'10''
Father - Naval Tata
Mother - Sooni Tata
जन्म :
रतन टाटा का जन्म साल 28 दिसम्बर 1937 को गुजरात के सूरत में उनका जन्म हुआ उनके पिता का नाम नवल टाटा और माँ का नाम सूनी टाटा था । नवल टाटा जी की जमशेद जी टाटा के छोटे भाई के गोद लिए हुए थे जमशेद जी टाटा हिं वोह व्यक्ति थे जिन्होंने टाटा ग्रुप की सुरुवात की ।
शिक्षा :
रतन टाटा की प्रारंभिक पढाई Campion school, Mumbai से हुई यहाँ वो ८वि तक पढनेके बाद Cathedral and John Connon School, Mumbai से टेंथ की पढाई की । जब रतन टाटा सिर्फ 10 बर्ष के थे तब उनके माता पिता अलग हो गये थे, जिसके बाद ररण टाटा की परवरिश नवजबाई टाटा ने करी थी । 1962 में Cornell University, Ithaca, New York, USA से रतन टाटा ने आर्किटेक्चेर में डिग्री हासिल किआ । इसके बाद 1975 में Harvard Business School, Boston, Massachusetts, USA से एडवांस मैनेजमेंट की पढाई की ।
करियर की सुरुवात :
रतन टाटा ने आपने करियर की सुरुवात 1962 में आपनी ग्रेजुएशन खतम करने के बाद हिं टाटा ग्रुप के साथ कि ।
उसके बाद उन्हें साल 1971 में National Radio & Electronics Company (NELCO) का डिरेक्टर इन चार्ज बनाया गेया । उस समय इस कंपनी की अर्तिक स्तिथि बोहोत खारव थी । इशी दोरान रतन टाटा ने Harvard Business School, आपनी एडवांस मैनेजमेंट की पढाई किआ था । रतन टाटा को NELCO का डिरेक्टर बनाने बाद सब चाहते थे की रतन टाटा इस कंपनी को नुकसान से बचाएं । जिसके बाद रतन टाटा ने आपनी सूझ-बुझ और काबिलियत से NELCO कंपनी को ना सिर्फ नुक्सान होने से बचाया बल्कि 20% फीसदी तक हिस्सेदारी भी बढ़ा लिया था ।
1975 में, भारत की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने आपात स्थिति घोषित कर दी, जिसकी वजह से आर्थिक मंदी आ गई । इसके बाद 1977 में यूनियन की समस्या हुई, इस लिए मांगे बढ़ जाने के बाद भी उत्पादन में सुधर नहीं हो पाया । अंततः टाटा ने यूनियन का हड़ताल का सामना किआ, सात महीने के लिए टला बंदी करदी गई । इस हड़ताल के चलते टाटा ग्रुप को NELCO कंपनी को बंद करनी पड़ी ।
इसके कुछ महीनो बाद रतन टाटा को एक टेक्सटाइल मिल ( Empress Mills ) का कार्य भार सोंपा गेया जो की पहले से ही घाटे में चल रही थी, ये कंपनी टाटा नियंत्रित कपडा मिल थी । इस कंपनी को नुक्सान से उभार ने के लिए रतन टाटा ने एक प्लान बनाया और कंपनी के निष्पादक के सामने रखा, पर उनके प्लान को रिजेक्ट कर दिया गेया जिसका नतीजा ये हुआ की 1986 में उस मिल को बंद करदीआ गया ।
टाटा ग्रुप का उत्तराधिकारी :
वर्ष 1981 में, रतन टाटा इंडस्ट्री्ज और समूह की अन्य होल्डिंग कंपनियों के अध्यक्ष बनाए गए, जहाँ वे समूह के कार्यनीतिक विचार समूह को रूपांतरित करने के लिए उत्तरदायी तथा उच्च प्रौद्योगिकी व्यापारों में नए उद्यमों के प्रवर्तक थे।
1981 में रतन टाटा को आपनी काम के प्रति निष्ठा और कबिलियात को देखते हुए जे.आर.डी. टाटा ने उन्हें टाट इंडस्ट्रीज का उत्तराधारिकारी बनाने का घोषणा कर दिया । इसके बाद उन्होंने पूरी लगन से काम करने लगे ।
फिर 1991 में वो पल आया जब रतन टाटा को टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनादिया गेया हालाँकि, उस समय रतन टाटा को ज्यादा एक्सपीरियंस ना होने के कारण बोहोत से लोगों ने इसका बिरोध भी किआ था, उन लोगों को लगताथा की वो टाटा ग्रुप को नहीं संभल पाएंगे । लेकेन रतन टाटा ने आपने काम से सबको करार जवाब दिया, कुछ ही वर्षों में उन्होंने टाटा ग्रुप के मुनाफे को कई गुना बाढा दिया । रतन टाटा के आजाने से कंपनी ने नेई ऊंचाईओं को छुं लिया था । इसके पहले कभी भी टाटा ग्रुप ने इतनि तरक्की नेही किआ था ।
रतन टाटा ने कंपनी के कार्य भार संभाल ने के कम समय में हिं बुलंदिओं को छुं लिया था, इसके बाद उन्होंने टाटा ग्रुप को सिर्फ देश में ही सिमित ना रख कर दुनिया भर में पोहंचा ने का काम किआ । रतन टाटा ने "Corus", "Jaguar", "Land Rover", "Tetley" जेसे और भी कई बड़ी कंपनीओं को खरीद लिया जिससे टाटा ग्रुप को एक ग्लोबाल ब्रांड बनने में काफी मदत मिली ।
आज के समय में लग भक्त 96 या उससे ज्यादा कंपनियां टाटा ग्रुप के देख रेख में 100 देशों में आपना सर्विस मुहवीय करवाते हें, या कहा जाये तो आज के समय में टाटा ग्रुप का बिज़नेस 100 देशो में फेला हुआ है । टाटा ग्रुप " Chemicals "," Energy ","Automobile "," Education "," Engineering ","Software "," Consumer Products जेसे कई क्षेत्रों में बिज़नेस करता है । बात करे २०२० की तो टाटा ग्रुप में 750,000 लोग काम करते हें । और टाटा कंपनी दुनिया की २०वि सबसे बड़ी कंपनी है ।
दुनियां का सबसे सस्ती कार नानो कार :
1991 में रतन टाटा ने टाटा ग्रुप के बाग़ डोर संभालने के बाद उनके हिं मार्गदर्शन में, टाटा कंसोलटेसी सर्विसेस सार्वजनीन निगम ने पब्लिक इशू जारी किया और टाटा मोटर्स को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया। 1998 में टाटा मोटर्स ने आपना पहला पासेंजर कार " इंडिका " को बाजार में उतरा ।
इन सबके अलाबा रतन टाटा का सपना था की हर मिडिल क्लास परिवार के पास कार होना चाहिए और इसी वजह से साल 2008 में उनकी कंपनी टाटा मोटर्स ने नानो कार को डिजाईन किआ । सुरुवात में इस कार के तिन मॉडल मार्केट में उतरा गेया, वेसे तो इस कार की कीमत सिर्फ 1,00,000 थी इसी वजह से लाखो लोगों ने इसकी प्री-बुकिंग करलिया जिसे पूरा करने के लिए टाटा मोटर्स को 22 महीने का समय लगा । सुरुवात में इस कार में काफी फौल्ट्स थे जिसके कारण 3-4 गाडिओं में आग लग जाने की भी खबर सामने आई । हालाँकि बाद में इसके कमियों को पूरा करके इसे दुबारा से बनाया गेया जिसकी वजह से इसकी कीमत दोगुना स भी ज्यादा हो गेया ।
SUCCESS IS THE ACTUAL REVENGE :
रतन टाटा ने आपने कार्यकाल में कई बड़ी बड़ी कंपनियों को ख़रीदा है जिसमे से " Jaguar and Land Rover " की कहानी काफी प्रेरणादायक है ।
बात है 1998 की जब टाटा मोटर्स के द्वारा बाजार में आपना पहल पसेंजर कार "टाटा इंडिका" को लंच किआ ये कार आपने पहले ही साल फ़ैल हो गयी क्योंकि उस वक्त भारतीय बाजार में " मारुती सुजुकी " का राज़ था । इस प्रोजेक्ट के वजह से टाटा ग्रुप को काफी नुक्सान उठाना पद रहा था, आगे चलकर कंपनी को और लोसेस का सामना करना पड़ता इसे पहले कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डिरेक्टरस ने रतन टाटा को टाटा मोटर्स के पसेंजर कार का डिवीज़न को जल्द्से जल्दसे बेच देने का सुजाव दिया । और फिर कंपनी में हो रहे घाटे को देखते हुए रतन टाटा को ये आईडिया काफी पसंद आया ।
इसके बाद टाटा ग्रुप ले बोर्ड मेम्बेर्स "Ford" के सामने टाटा मोटर्स का पसेंजर कार कार डिवीज़न का प्रस्ताव रखा और फोर्ड कंपनी इसे खरीद ने के लिए राजी हो गयी । कुछ दिनों बाद रतन टाटा आपने पूरी टीम के साथ "Ford" के Headquarter में पोहंचने के बाद मीटिंग होती है और ये मीटिंग तिन घंटे तक चलती है । मीटिंग में फोर्ड के मेम्बेर्स का रतन टाटा की तरफ व्यवहार काफी अपमानजनक था । मीटिंग के दोरान Ford कंपनी के Chairman '' Bill Ford " ने कहा "तुमने ये पसेंजर कार का बिज़नेस सुरु हिं क्यूँ किआ जब तुम्हे इस इस बिज़नेस के बारेमे कोई जानकारी हिं नहीं थी, में इस कंपनी को खरीद कर आप पर एक बोहोत बड़ा एहसान कर रहा हूँ "। इतनी अपमान सहने के बाद रतन टाटा तुरंत हिं डील रद्द करदिया और वापस इंडिया चले आये ।
जव रतन टाटा घर आरहे थे तव वोह बोहोत ही परिसानी में थे और Bill Ford के द्वारा कही गयी वो बातें उनके दिमाग में घूम रही थी । रतन टाटा ने उस अपमान को एक चुनोती के तोर पर ले लिया, उन्होंने पुरानि गलातिओं को ना दोहरातेहुए और मार्केट की डिमांड को ध्यान में रखतेहुए पासेंजर कार डिवीज़न को दुबारा से सुरु किआ और फिर टाटा मोटर्स की कड़ी मेहनत काम करगेयी । टाटा मोटर्स एक के बाद एक कार लंच करने लगी साल बीतते गए और टाटा मोटर्स मारुती सुजुकी को टक्कर देने लगी । एक तरफ जहाँ टाटा मोटर्स सफलता की नेई ऊंचाईयों को छुं रहा था वहीँ दूसरी और 2008 के आते आते Ford कंपनी देवलिया होने के कगार पर था ।
देवलिया से बचने के लिए Ford कंपनी आपनी कार के लुक्सिरी डिवीज़न " Jaguar और Land Rover " को बेच ने का फैसला किआ जो की उस समय काफी लोस में चल रहे थे, ये खबर फैलने के तुरंत बात हिं फोर्ड मोटर्स की मदद करने का सबसे पहला हात रतन टाटा का आया । उन्होंने फोर्ड कंपनी को एक एसा ऑफर दिया की बिल फोर्ड ने इसे ठुकरा हिं नेही पाए । इसके बाद Bill Ford मुंबई के "बॉम्बे हाउस " आये जहाँ पर टाटा ग्रुप का मुक्ष्य कार्यालय है ठीक उशी तरह जेसे रतन टाटा, टाटा मोटर्स पसेंजर कार डिवीज़न को बेच ने के लिए फोर्ड के कार्यालय गये थे ।बिल फोर्ड के मुंबई आने के बाद मीटिंग हुई और 2.3 Billion dollar यानि उस वक्त के भारतीय मुद्रामे 9,300 crore में Jaguar and Land Rover को खरीद लिया । मीटिंग ख़तम होने के बाद Bill Ford जिन्होंने 9 साल पहले रतन टाटा को कहथा की में आपकी कंपनी को खरीद कर आप पर एक एहसान कर रहा हूँ उन्होंने रतन टाटा के साथ हाथ मिलाकरकहा की " आपने मुझपर और मेरे कंपनी पर बोहोत ही बड़ा एहसान किआ है ", अगर रतन टाटा चाहते तो बिल फोर्ड का अपमान कर सक्तेथे जेसे उन्होंने रतन टाटा का किआ था, मगर उन्होंने एसा नहीं किआ ये उनकी महानता को दर्शाता है ।
आज Jaguar और Land Rover टाटा ग्रुप के हें और अछे खासे प्रोफिट में हें ।
निजी जीवन :
रतन टाटा एक शर्मीले स्वाभाव के ब्यक्ति हें, वो समाज के इस झूटी चमक दमक में विस्वास नेही करते हें । आपको बतादें की 2020 के हिसाब से वे अभी 83 वर्ष के हो छूके हें उन्होंने आब तक सादी नहीं किआ है । उन्होंने 28 दिसम्बर 2012 को आपने चेयरमैन के पद से इस्तीफा डे दिया और सालों से वो कोलाबा मुंबई में आपने आलीशान घर में रहते हें रहते हें ।
रतन टाटा के इस घर की कीमत लग्भाक्त 150 करोड़ है । ये घर बाहर से देखने में जितना खुबसूरत है उससे कई ज्यादा आलीशान अन्दर से है ।
CARS AND PETS :
रतन टाटा बोहोत हिं दयालु किशम के इंसान हें । उन्हें कुत्तों से भी बोहोत प्यार है और इसी लिए उनके मुंबई हाउस में बारिस के समय में आवारा कुत्तों को शरण दिए जाने की परंपरा है वहां पर गली के आवारा कुत्तों के लिए कई सारे कमरे बनाये गये हें इस के अन्दर उन कुत्तों के लिए हर वो सुबिधा उपलब्ध है जो की उन्हें चाहिए होता है । इसके अलाबा उनके दो और खुद के डॉग्स हें जिनका नाम " टिटो,और मक्सिमो " है ।
इसके अलाबा रतन टाटा को गाडिओं का भी बोहोत शौक है । उनके पास गाडिओं का एक बड़ी कलेक्शन भी है जिसमे " Tata Nexon, Tata Indigo Marina, Honda Civic, Mercedes-Benz S-Class, Ferrari California, Land Rover Freelander, Chrysler Sebring, Jaguar F Type, Jaguar XF R, Maserati Quattroporte, Mercedes-Benz 500 SL, Cadillac XLR कार सामिल है । इन सुब के अलाबा रतन टाटा के पास एक 21 crore की Gold NANO Car भी है ।
रतन टाटा एक Skilled Pilot हें और उनके पास खुद का Aeroplane भी है जिसे वो कभी कभी सेर करा लाते हें । रतन टाटा F-16 फाइटर जेट को उड़ने बाले पहले भारतीय हें ।
INCOME :
रतन टाटा दुनियां के सबसे सफल बिजनेसमैन में गिने जाते हें । रतन टाटा मानते हें की ब्यापार का मतलव सिर्फ मुनाफा कमाना हिं नेहीं बल्कि समाज के प्रति आपनी जिम्मेदारिओं को भी समझना है और व्यापार में सामजिक मूल्यों का भी सामावेश होना चाहिए । इनकी ज्यादा टार इनकम टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, से होती है इसके अलाबा उन्होंने बोहोत से कम्पनिओं में इन्वेस्ट किआ हुआ है जिसे की उनके पास अरबों के शेआरस हें ।
रतन टाटा आपने पद से इस्तीफा देने के बाद दो चैरिटी ट्रस्ट चलतें हें वो एक बोहोत हिं सिंपल और दयालु किसम के शक्शियत हें । रतन टाटा धन स तोह आमिर हें हिं साथ हिं साथ वो दिल से भी काफी आमिर हें और सबसे बड़े दानवीर भी हें । रतन टाटा साल भार की आपनी इनकम और कंपनी के मुनाफे का 66% चैरिटी में जरुरत मंदों के साहयता के लिए दान करते हें ।
पुरस्कार :
रतन टाटा ने टाटा 1991 से 2012 तक 21 साल टाटा ग्रुप के चेयरमैन के पद पर रहें और उनके इस 21 साल में हासिल किए हुए उन महान उपलब्धिओं के लिए उन्हें इसके दुगने से भी ज्यादा बार कई पुरस्कार और उपाधिओं से नवाजा गेया है । उनमे से कुछ निचे दिए गये हें---
- सबसे पहले 26 जनुअरी 2000 को उन्हें देश का तीसरे सबसे बड़े नागरिक का सम्मान " पद्मभुसन " से अलंकृत किआ गेया ।
- रतन टाटा को 26 जनुअरी 2008 को देश के दुसरे सर्वोच्च नागरिक का सम्मान " पद्म बिभूषण " से अलंकृत किआ गेया ।
- 2006साइंस की मानद डॉक्टरइंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास ।
- 2005साइंस की मानद डॉक्टरवारविक विश्वविद्यालय ।
- 2007परोपकार की कार्नेगी पदक अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट ।
- 2008साइंस की मानद डॉक्टरइंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई ।
- 2014कानून की मानद डॉक्टरन्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा ।
- 2015ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की मानद डॉक्टर क्लेमसन विश्वविद्यालय ।
आज रतन टाटा से प्रेरित हो कर हजारों लाखों नोजवान उन्हें आपना आदर्श मानते हें ।
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